Class 11th Biology (जीव विज्ञान) Syllabus 2024- UP Board New Syllabus 2023-24

UP Board Class 11th Biology Subject Syllabus 2024 New Syllabus 2023-24 क्या इस बार भी पाठ्यक्रम में 30% की कमी होगी या पूरा पढ़ना होगा ?

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UP Board Class 11th Biology Subject Syllabus Syllabus 2024

 

UP Board Class 11th Biology Subject Syllabus Syllabus 2024

Name  Topic
Class  11th (XI)
Subject 11th Biology Syllabus /Exam Pattern 2024
Board  UP Board (UPMSP)
Session 2023-24
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Syllabus 11th Biology Subject Class wise Session 2022-23

(यू० पी० बोर्ड 11th Biology पाठ्यक्रम 2023-24)

UP Board Class 11th Biology Subject Syllabus Syllabus 2024

UP Board Class 11th Biology Subject Syllabus Syllabus 2024

               विषयजीव विज्ञान

                      कक्षा-11

इसमें 100 अंकों का एक प्रश्नपत्र 70 लिखित एवं 30 प्रयोगात्मक का होगा।

समय-3 घंटा     केवल प्रश्नपत्र         अंक- 70

इकाई               शीर्षक                अंक भार

  1. सजीव जगत की विविधता 07
  2. जंतुओं और पौधों की संरचनात्मक संघटना 12
  3. कोशिका संरचना और कार्य 15
  4. पादप कार्यिकी 18
  5. मानव कार्यिकी 18

योग    –              70

इकाई 1 सजीव जगत की विविधता –      07 अंक

(i) सजीव जगत –

सजीव क्या है? जैव विविधता, वर्गीकरण की आवश्यकता, जीवन के तीन डोमेन, जातियों की संकल्पना एवं वर्गिकीय क्रमबद्धता, द्विनामनामकरण पद्धति,

(ii) जीव जगत का वर्गीकरण

पाँच जगत वर्गीकरण, मोनेरा, प्रोटिस्टा एवं फंजाई के प्रमुख लक्षण एवं प्रमुख समूहों में वर्गीकरण लाइकेन, वाइरस एवं बाइराइड्स |

(iii) वनस्पति जगत

पौधों के प्रमुख लक्षण एवं प्रमुख समूहों में वर्गीकरण एल्गी, ब्रायोफाइटा, टेरिडोफाइटा, जिम्नोस्पर्म

(iv) जंतु जगत

जंतुओं के प्रमुख लक्षण एवं वर्गीकरण, नानकार्डेट्स संघ तक एवं कार्डेट्स वर्ग तक ( तीन से पाँच प्रमुख लक्षण एवं प्रत्येक के कम से कम दो उदाहरण) ।

(i) सजीव जगत वर्गिकी एवं वर्गीकरण विज्ञान, वर्गिकी के अध्ययन हेतु साधन म्यूजियम, प्राणि पार्क, हरबेरियम, पादप उद्यान

(ii) वनस्पति जगत – एंजियोस्पर्मी ( तीन से पाँच प्रमुख एवं विभेदीकारक लक्षण एवं प्रत्येक के कम से कम दो उदाहरण । एंजियोस्पर्म वर्ग तक वर्गीकरण, विशिष्ट लक्षण एवं उदाहरण) ।

इकाई 2 जंतुओं और पौधों की संरचनात्मक संघटना 12 अंक

(ii) पुष्पी पौधों की आकारिकी-

पुष्पक्रम, पुष्प, एक फैमिली का वर्णन सोलेनेसी अथवा लिलिएसी

(iii) जंतुओं की संरचनात्मक संघटना-

जंतु ऊतक,

(i) पुष्पी पौधों की शारीरिकी –

शारीरिकी एवं रूपान्तरण

(ii) पुष्पी पौधों की आकारिकी

पुष्पी पादपों के विभिन्न भागों जड़, तना, पत्ती, फल और बीज की आकारिकी एवं कार्य ( प्रयोगात्मक पाठ्यक्रम से सम्बन्धित प्रयोगों के साथ कराया जाय)

(iii) जंतुओं की संरचनात्मक संघटना एक कीट कॉकरोच की आकारिकी, एवं विभिन्न तंत्रों के कार्य (पाचन, परिसंचरण, श्वसन तंत्रिका एवं जनन संक्षिप्त वर्णन )

इकाई 3 कोशिका संरचना एवं कार्य –       15 अंक

(i) कोशिका जीवन की इकाई –

कोशिका सिद्धान्त एवं कोशिका जीवन की आधारभूत इकाई, प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक कोशिका की संरचना, पादप एवं जंतु कोशिका Cell envelope, कोशिका झिल्ली, कोशिका भित्ती कोशिका अंगक ( संरचना एवं कार्य) एंडोमैम्ब्रेन सिस्टम, अन्तः प्रद्रव्यी जालिका, गाल्जी काय, लाइसोसोम्स, रिक्तिका, माइटोकांड्रिया, राइबोसोम, लवक, माइक्रोबॉडीज, कोशिका कंकाल, सीलिया, फ्लैजिला, सैन्ट्रि ओल्स (संरचना और कार्य) केन्द्रक,

(ii) जैविक अणु

सजीव कोशिकाओं का रासायनिक संगठन, जैविक अणु, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, न्यूक्लिक अम्ल की संरचना और कार्य। एन्जाइम प्रकार गुण एवं एन्जाइम क्रिया ।

(iii) कोशिका चक्र एवं कोशिका विभाजन-

कोशिका चक्र, सूत्री एवं अर्द्धसूत्री विभाजन एवं महत्व |

(i) कोशिका जीवन की इकाई –

केन्द्रककला, क्रोमेटिन, केन्द्रिक ।

इकाई 4 पादप कर्यिकी                           18 अंक

(iii) उच्च पादपों में प्रकाश संश्लेषण-

प्रकाश संश्लेषण स्वपोषी पोषण का एक माध्यम, प्रकाश संश्लेषण का क्षेत्र, प्रकाश संश्लेषण में प्रयुक्त वर्णक (प्रारम्भिक ज्ञान), प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश रासायनिक एवं जैव संश्लेषी प्रावस्था, चक्रीय एवं अचक्रीय फोटोफास्फोराइलेशन, रसायनी परासरण परिकल्पना, प्रकाशीय श्वसन, C, एवं C. पथ, प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक ।

(iv) पौधों में श्वसन

गैसों का आदान-प्रदान, कोशिकीय श्वसन- ग्लाइकोलिसिस, किण्वन (अवायवीय), TCA चक्र एवं इलैक्ट्रानिक स्थानान्तरण तंत्र (वायवीय), ऊर्जा सम्बन्ध उत्पादित ATP अणुओं की संख्या, एंफीबोलिक पथ, श्वसन गुणांक । –

(v) पादप वृद्धि एवं परिवर्धन

वृद्धि नियंत्रक- आक्सिन, जिबरेलिन, साइटोकाइनिन, इथाइलीन, ABA

(i) पौधों में परिवहन – जल पोषक पदार्थ एवं गैसों का संवहन, कोशिकीय परिवहन, विसरण, सहज विसरण, सक्रिय परिवहन, पादप जल सम्बन्ध, अन्तःशोषण, जल विभव, परासरण, जीव द्रव्य कुंचन, लम्बी दूरी तक जल परिवहन अवशोषण, एपोप्लास्ट, सिम्लास्ट, बाष्पोत्सर्जनाकर्षण, मूल दाब एवं बिंदु स्रवण, वाष्पोत्सर्जन स्टोमेटा का खुलना एवं बंद होना, खनिज पोषकों का अन्तर्ग्रहण एवं परिवहन खनिज पदार्थों का स्थानान्तरण, फ्लोएम द्वारा परिवहन, दाब प्रवाह या सामूहिक प्रवाह परिकल्पना, गैसों का विसरण।

(ii) खनिज पोषण – आवश्यक खनिज तत्व, वृहत एवं सूक्ष्म पोषक तत्व तथा उनका कार्य अनिवार्य तत्वों की अपर्याप्तता के लक्षण, खनिज लवणीय विषाक्तता, हाइड्रोपोनिक्स का सामान्य ज्ञान, नाइट्रोजन उपापचय, नाइट्रोजन चक्र, जैवीय नाइट्रोजन स्थरीकरण ।

(v) पादप वृद्धि एवं परिवर्धन – बीजों का अंकुरण, पादप वृद्धि की प्रावस्थाएं एवं पादप वृद्धि दर वृद्धि की परिस्थितियाँ, विभेदीकरण विविभेदीकरण, पुनर्विभेदीकरण-पादप कोशिका के विकास का वृद्धि क्रम, बीज प्रसुप्तावस्था, बसन्तीकरण, दीप्तिकालिता ।

इकाई 5 मानव कार्यिकी                     18 अंक

(ii) श्वसन एवं गैसों का विनिमय –

जंतुओं में श्वसनांग, मानव का श्वसन तंत्र, श्वसन की क्रियाविधि एवं इसका नियंत्रण, गैसों का विनिमय, गैसों का परिवहन एवं श्वसन का नियमन, (Respiratory Volume) श्वसनीय आयतन श्वसन के विकार दमा, इम्फाइसिमा, व्यावसायिक श्वसन रोग।

(iii) परिसंचरण एवं देह तरल –

रूधिर की संरचना, रूधिर वर्ग, रूधिर का जमना, लसिका की संरचना एवं कार्य, मानव परिसंचरण तंत्र मानव हृदय की संरचना एवं रूधिर वाहिकाएं, कार्डियक चक्र (हद चक्र) कार्डिएक आउट पुट, ई०सी०जी०, दोहरा परिसंचरण, हृद क्रिया का नियमन, परिसंचरण की विकृतियाँ उच्च रक्त चाप, हृद धमनी रोग, एंजाइना पेक्टोरिस, हार्टफेल्योर ।

(iv) उत्सर्जी उत्पाद एवं निष्कासन

उत्सर्जन की विधियाँ एमीनोटेलिज्म, यूरिओटेलिज्म, यूरिकोटेलिज्म मानव उत्सर्जी तंत्र संरचना और कार्य, मूत्र निर्माण, परासरण नियंत्रण, वृक्क क्रियाओं का नियमन रेनिन एंजियोटेसिन, अलिंदीय निट्रियेरेटिक कारक ADH एवं डाइबिटीज – इंसिपिडस, उत्सर्जन में अन्य अंगों की भूमिका, विकृतियाँ-यूरिमिया, रीनल फेलियर, रीनल केलकलाई, नेफ्राइटिस, डाइलिसिस

एवं कृत्रिम वृक्क

(v) गमन एवं संचलन

कंकाल पेशियाँ संकुचनशील प्रोटीन एवं पेशी संकुचन, (vi) तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वयन

तंत्रिका कोशिका एवं तंत्रिकाएं, मानव का तंत्रिका तंत्र, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, परिधीय तंत्रिका तंत्र, विसरल तंत्रिका तंत्र, तंत्रिकीय प्रेरणाओं का उत्पादन एवं संवहन, प्रतिवर्ती क्रिया,

(Vii) रासायनिक समन्वयन एवं नियंत्रण

अन्तःस्त्रावी ग्रंथियाँ और हारमोन, मानव अन्तःस्त्रावी तंत्र – हाइपोथैलेमस, पीयूष, पीनियल, थायराइड, पैराथायराइड, एड्रीनल अग्नाशय, जनद हारमोन्स की क्रियाविधि ( प्रारम्भिक ज्ञान ) दूतवाहक एवं नियंत्रक के रूप में हारमोन्स का कार्य, अल्प एवं अतिक्रियाशीलता एवं सम्बन्धित विकृतियाँ- बौनापन एक्रोमिगेली, क्रिटीनीज्म, ग्वाइटर, एक्सोप्लेमिक ग्वाइटर, मधुमेह, एडीसन रोग ।

(i) पाचन एवं अवशोषण –

आहार नाल एवं पाचक ग्रंथियाँ, पाचक एन्जाइम्स एवं आहार नाल की श्लेष्मिका द्वारा स्रावित (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) हारमोन्स का कार्य, क्रमाकुंचन, पाचन, अवशोषण एवं कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा का स्वांगीकरण, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा का कैलोरिक महत्व, ( बाक्स सामग्री मूल्यांकन के लिए नहीं) बहिःक्षेपण पोषण एवं पाचन तंत्र की विकृतियाँ PEM, अपच, – कब्ज, वमन, पीलिया एवं अतिसार (डायरिया)

(v) गमन एवं संचलन गति के प्रकार- पक्ष्माभि, कशाभि, पेशीय कंकाल तंत्र एवं इसके कार्य, संधियां पेशी और कंकाल तंत्र के विकार माइस्थेनिया ग्रेविश, टिटेनी, पेशीय दुश्पोशण संधिशोथ, अस्थिसुशिरता, गाउट

(Vi) तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वयन संवेदिक अभिग्रहण (Perception) संवेदी अंग आँख और कान की प्रारिम्भक संरचना और कार्य।

समय-3 घंटा        प्रयोगात्मक             अंक-30

(क) प्रयोगों की सूची

  1. तीन सामान्य पुष्पी पौधों (कुल सोलेनेसी, फेबेसी, लिलिएसी) का अध्ययन एवं वर्णन, पुष्प का विच्छेदन एवं पुष्पी चक्रों, – अण्डाशय एवं परागकोष के कक्षों का प्रदर्शन (पुष्प सूत्र एवं पुष्प आरेख),
  2. पत्तियों की ऊपरी और निचली सतहों पर रन्धों का वितरण ।
  3. पेपर क्रोमेटोग्राफी द्वारा पादप वर्णकों को पृथक करना।
  4. पुष्प मुकुलों, पत्ती, ऊतक एवं अंकुरणशील बीजों में श्वसन की दर का अध्ययन करना ।
  5. मूत्र में शर्करा की उपस्थिति ज्ञात करना ।
  6. मूत्र में एलब्यूमिन की उपस्थिति ज्ञात करना।

(ख) निम्नलिखित (स्पाटिंग) का अध्ययन / प्रेक्षण

  1. संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के भागों का अध्ययन।
  2. प्रतिरूपों / स्लाइड / मॉडल का अध्ययन एवं कारण बताते हुये उनकी पहचान करना- जीवाणु, ऑसिलेटोरिया, स्पाइरोगाइरा राइजोपस, मशरूम, यीस्ट, लिवरवर्ट, मॉस, फर्न, पाइन, एक-एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री पौधा, लाइकेन ।
  3. प्रतिरूपों का अध्ययन एवं कारण बताते हुये पहचान करना- अमीबा, हाइड्रा, लीवरफ्लूक, एस्केरिस, जोंक, केंचुआ, झींगा, रेशमकीट, मधुमक्खी, स्नेल, स्टारफिश, शार्क, रोहू, मेढक, छिपकली, कबूतर एवं खरगोश ।
  4. जंतु कोशिकाओं की आकृतियों में पाई जाने वाली विविधता का अस्थाई / स्थाई स्लाइड द्वारा अध्ययन करना – शल्की एपीथीलियम, पेशी रेशे एवं स्तनधारी रूधिर की स्लाइड ।
  5. स्थायी स्लाइड की सहायता से प्याज के मूलाग्र की कोशिकाओं एवं जंतु कोशिका (टिड्डे) की कोशिकाओं में समसूत्री विभाजन का अध्ययन।

 

प्रायोगिक पाठ्यक्रम की सूची

() प्रयोगों की सूची

  1. जड़ के प्रकार ( मूसला अथवा अपस्थानिक), तना ( शाकीय अथवा काष्ठीय), पत्ती (व्यवस्था, आकृति, शिरा विन्यास – सरल अथवा संयुक्त ) ।
  2. द्विबीजपत्री और एकबीजपत्री जड़ और तने की अनुप्रस्थ काट (स्लाइड) तैयार करना और उनका अध्ययन करना ।
  3. आलू के परासरणमापी द्वारा परासरण का अध्ययन करना ।
  4. एपिडर्मिस छिलकों उदाहरण रियो पत्तियों में प्लाजमोलिसिस का अध्ययन करना।
  5. पत्तियों की ऊपरी और निचली सतहों पर वाष्पोत्सर्जन की दर का तुलनात्मक अध्ययन करना ।
  6. शर्करा, स्टार्च, प्रोटीन और वसा की उपस्थिति के लिये परीक्षण करना ।
  7. मूत्र में यूरिया की उपस्थिति का परीक्षण करना ।
  8. मूत्र में पित्त वर्णकों की उपस्थिति ज्ञात करना ।

() निम्नलिखित (स्पाटिंग) का अध्ययन / प्रेक्षण

  1. पादप कोशिकाओं की आकृतियों में पाई जाने वाली विविधता का अस्थाई / स्थाई स्लाइड द्वारा अध्ययन करना- पैलीसेड कोशिकाएं, द्वार कोशिका, पेरेन्काइमा, कोलेन्काइमा, स्केलेरेन्काइमा, जाइलम, फ्लोएम,
  2. जड़, तना और पत्तियों के विभिन्न रूपान्तरणों का अध्ययन ।
  3. विभिन्न प्रकार के पुष्पक्रमों की पहचान तथा अध्ययन।
  4. बीजों / किशमिश में अन्तःशोषण प्रक्रिया का अध्ययन करना ।
  5. निम्नलिखित प्रयोगों का प्रेक्षण एवं टिप्पणी लिखना-

(i) अवायवीय श्वसन

(ii)दीप्तिकालिता

(iii) Effect of apical bud removal

(iv) Suction due to transpiration.

  1. मानव कंकाल तथा विभिन्न प्रकार की संधियों का अध्ययन ।
  2. मॉडल की सहायता से कॉकरोच की वाह्य आकारिकी का अध्ययन करना।

 

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