UP Board Class 11th Sanskrit Syllabus 2024, New Session 2023-24, Exam Pattern 2024 According to Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad Exam Pattern, Syllabus, Blueprint 2024.
UP Board Class 11th Sanskrit Syllabus 2024, New Session 2023-24, Exam Pattern 2024 According to Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad Exam Pattern, Syllabus, Blueprint 2024 : UP Board Syllabus 2023-24 for Class 9, 10, 11 and Class 12- UP Board Class 11 Syllabus 2023-24 (Latest) syllabus Based on New Education Policy 2020. This Syllabus declared on upmsp official website for session 2022-23.
UP Board Class 11 sanskrit Syllabus 2023 is released by UPMSP. If you are studying in UPMSP board, then you can download the UP Board Syllabus for Class 11th PDF from here on assemblage to know what to study. This UP board syllabus indicates subject-wise topics and chapters recommended by Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad for class 11students. Therefore study all chapters as per UP Board class 11 syllabus to complete your study of all subjects and do well in exams Class 11 sanskrit syllabus 2024
Class 11 sanskrit syllabus 2024- यूपी बोर्ड परीक्षा 2024 हेतु नया पाठ्यक्रम, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् की और से हर वर्ष प्रत्येक सत्र के लिए पाठ्यक्रम जारी किया जाता है, ये पाठ्यक्रम नयी शिक्षा नीति के तहत होता है, हम आपके लिए यहाँ पर यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम 2023-24, का विवरण और पैटर्न की जानकारी दे रहे हैं, अधिक जानकारी के लिए यूपी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट – upmsp.edu.in पर विजिट करते रहें|
Name | Topic |
Class | 11th (XII) |
Subject | Sanskrit (संस्कृत) Syllabus/Exam Pattern 2024 |
Board | UP Board (UPMSP) |
Session | 2023-24 |
Download PDF | Download |
कक्षा-11 – विषय- संस्कृत पाठ्यक्रम 2023-24
समय – 3 घंटे 15 मिनट | पूर्णांक 100 |
प्रणाली – ऑफलाइन | परीक्षा पैटर्न – बोर्ड परीक्षा |
पासिंग मार्क्स – 33.33% | First Division – 60% or Above |
संस्कृत
कक्षा-11
पूर्णांक- 100
सामान्य निर्देश – संस्कृत विषय में 100 अंकों का एक प्रश्नपत्र होगा। प्रश्न-पत्र के प्रत्येक खण्ड में निर्धारित अंकों के अन्तर्गत दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय, अति लघु उत्तरीय एवं बहुविकल्पीय प्रश्नों का समावेश कर कई प्रश्न पूछे जायेंगे । प्रश्नपत्र में प्रश्नों के लिए निर्धारित अंक ही उत्तर के आकार की संक्षिप्तता या दीर्घता का द्योतक होगा। प्रत्येक प्रश्नपत्र के अन्तर्गत समाविष्ट पाठ्यक्रम का अंक विभाजन निम्नवत् होगा:-
खण्ड-क (गद्य) 20
चन्द्रापीडकथा – आसीत् पुरा शूद्रको नाम राजा………………………… सर्व रमणीयकानाम् एकनिवासभूताम्, कादम्बरीं ददर्श. तक।
गद्यांश के आधार पर प्रश्नोत्तर | 10
कथात्मक पात्रों का चरित्र चित्रण (हिन्दी में, अधिकतम 100 शब्द) । 4
3. रचनाकार का जीवन परिचय एवं गद्यशैली ( हिन्दी अथवा संस्कृत में, अधिकतम 100 शब्द) 4
4.सन्दर्भित पुस्तक से सम्बन्धित बहुविकल्पीय प्रश्न । 2
खण्ड – ख (पद्य)20 अंक
रघुवंशमहाकाव्यम् (द्वितीय सर्ग ) – श्लोक संख्या 01 से 40 तक ।
1. किसी श्लोक की सन्दर्भसहित हिन्दी में व्याख्या ।2+5=7
2. किसी श्लोक की सन्दर्भसहित संस्कृत में व्याख्या ।2+5=7
3. कविपरिचय एवं काव्यशैली (हिन्दी अथवा संस्कृत में, अधिकतम 100 शब्द)4
4. काव्यगत तथ्यों एवं भावों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न ।2
खण्ड – ग (नाटक)20 अंक
अभिज्ञानशाकुन्तलम् (चतुर्थोऽङकः)
Class 11 sanskrit syllabus 2024
1 1.पाठगत नाटक के किसी गद्यांश अथवा पद्य की सन्दर्भसहित हिन्दी में व्याख्या ।2+5=7
पाठगत नाटक के अंशों से सूक्तिपरक पंक्ति की सन्दर्भसहित हिन्दी में व्याख्या ।2+5=7
कालिदास का जीवनपरिचय एवं नाट्यशैली ( हिन्दी अथवा संस्कृत में, अधिकतम 100 शब्द) । 4
सन्दर्भित नाटक पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न । 2
खण्ड – घ (पत्र लेखन) 6
मित्र या सम्बन्धियों को पत्र, प्रार्थनापत्र आदि।
खण्ड -ङ (अलंकार)
निम्नलिखित अलंकारों की सामान्य परिभाषा ( हिन्दी या संस्कृत में) अथवा उदाहरण संस्कृत में अनुप्रास एवं यमक । खण्ड-च (व्याकरण) 4
1.अनुवाद – हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद | 8
2. कारक तथा विभक्ति । 4
3.समास । 4
4.सन्धि अथवा सन्धि-विच्छेद, नामोल्लेख, नियम । 4
5.शब्दरूप | 4
6.धातुरूप । 4
7. प्रत्यय | 2
निर्धारित पुस्तकें एवं पाठ्यवस्तु
खण्ड – क (गद्य)
महाकविबाणभट्टप्रणीतम् – कादम्बरीसारतत्त्वभूतम् “चन्द्रापीडकथा” का पूर्वार्द्ध भाग- आसीत् पुरा शूद्रको नाम राजा .. यथार्थमेव नाम कृतवान् । तक
खण्ड – ख (पद्य)6
खण्ड – घ ( पत्र लेखन)
मित्र या सम्बन्धियों को पत्र, प्रार्थनापत्र आदि।
खण्ड -ङ (अलंकार)
निम्नलिखित अलंकारों की सामान्य परिभाषा ( हिन्दी या संस्कृत में) अथवा उदाहरण संस्कृत में अनुप्रास एवं यमक । खण्ड-च (व्याकरण) 4
अनुवाद – हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद |
2. कारक तथा विभक्ति ।\
3.समास ।
4.सन्धि अथवा सन्धि-विच्छेद, नामोल्लेख, नियम ।
5.शब्दरूप |
6.धातुरूप ।
7. प्रत्यय |
निर्धारित पुस्तकें एवं पाठ्यवस्तु
Class 11 sanskrit syllabus 2024
खण्ड – क (गद्य)
1.खण्ड – ख (पद्य)
– अनुवाद हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद |
2.- कारक तथा विभक्ति
खण्ड – च (व्याकरण)
निम्नलिखित सूत्रों तथा वार्तिकों के आधार पर कारकों तथा विभक्तियों का ज्ञान –
शब्दरूप – पुल्लिंग- भगवत्, करिन्, पति, सखि, चन्द्रमस् । स्त्रीलिंग – वाच्, सरित् श्री, स्त्री, अप् । धातुरूप- परस्मैपद- अस्, नश्, आप्, शक्, इष्, कृष् ।
(क) प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक )
कारक एवं विभक्ति- द्वितीया विभक्ति- अधिशीङस्थासा कर्म, कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे ।
(1) स्वतंत्रः कर्त्ता ।
(2) प्रातिपदिकार्थलिंगपरिमाणवचनमात्रे प्रथमा ।
(ख) द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक )
(1) कर्तुरीप्सिततमं कर्म ।
(2) कर्मणि द्वितीया ।
(3)अकथितं च ।
(4) अभितः परितः समयानिकषाहाप्रतियोगेऽपि । (वा० )
तृतीया विभक्ति (करण कारक )
(1) साधकतमं करणम् ।
कर्तृकरणयोस्तृतीया।
हयुक्तेा ।
(4)पृथग्विनानानाभिस्तृतीयाऽन्यतरस्याम् ।
(5) येनाङ्गविकारः ।
3. समास
4. सन्धि – सन्धि, सन्धिविच्छेद, नामोल्लेख तथा नियम । निम्नलिखित सूत्रों के अनुसार संधियों का उदाहरण सहित ज्ञान । स्वरसन्धि- (1) इको यणचि, ( 2 ) एचो ऽयवायावः, (3) आद्गुणः, (4) वृद्धिरेचि, (5) अकः सवर्णे दीर्घः, (6)स्वर सन्धि- एङिपररूपम्, एङः पदान्तादति ।
5.निम्नलिखित समासों का ज्ञान, परिभाषा तथा संस्कृत में विग्रहसहित उदाहरण – तत्पुरुष कर्मधारय, बहुव्रीहि ।
शब्दरूप – निम्नलिखित संज्ञा शब्दों का रूप –
पुल्लिंग – राम, हरि, गुरु, पितृ, राजनू, विद्वस् । (आ) स्त्रीलिंग – रमा, मति, नदी, धेनु, वधू ।
धातुरूप- दसों लकारों का सामान्य ज्ञान तथा निम्नलिखित धातुओं के लट्, लङ्, लोट्, विधिलिंग एवं लृट् में रूप । परस्मैपद- भू, पटू, पा, गम्, दृश्, स्था, नी, प्रच्छ के रूप ।
प्रत्यय – क्तिन्, क्त्वा, ल्यप्, शतृ, शानच् तुमुन्, यत् । 7.
टिप्पणी- संस्कृत देवनागरी लिपि में लिखी जायेगी ।
30 प्रतिशत कम किया गया पाठ्यक्रम ।
खण्ड-क (गद्य)
चन्द्रापीडकथा
खण्ड – च (व्याकरण)
कारक एवं विभक्ति- द्वितीया विभक्ति- अधिशीङस्थासा कर्म, कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे । स्वर सन्धि- एङिपररूपम्, एङः पदान्तादति । शब्दरूप – पुल्लिंग- भगवत्, करिन्, पति, सखि, चन्द्रमस् । स्त्रीलिंग – वाच्, सरित् श्री, स्त्री, अप् । धातुरूप- परस्मैपद- अस्, नश्, आप्, शक्, इष्, कृष् ।